शहर जल रहा है, मैं मना रहा हूँ मातम शहर जल रहा है, मैं मना रहा हूँ मातम
हमारा नमन स्वीकार करो हे दाता, हे सूर्य देवा, हमारा नमन स्वीकार करो हे दाता, हे सूर्य देवा,
वो परिंदा जलकर राख हुआ, तन उसका यूँ ख़ाक हुआ, पहचान हुई फिर उसकी खुद से, वो परिंदा जलकर राख हुआ, तन उसका यूँ ख़ाक हुआ, पहचान हुई फिर उसकी खुद से,
क्या पता, कब, आन पड़े, बारिश की झड़ी कुछ लकड़ियां तो रखो, आग जलाने के लिए! क्या पता, कब, आन पड़े, बारिश की झड़ी कुछ लकड़ियां तो रखो, आग जलाने के लिए!
जलते ही रोशनी फैलाती है मोमबत्ती भी सीख दे जाती है! जलते ही रोशनी फैलाती है मोमबत्ती भी सीख दे जाती है!
फूलों की तरह गर रोज़ खिलना है तो रोज़ मुरझाना होगा रोज़ टूट जाना होगा। फूलों की तरह गर रोज़ खिलना है तो रोज़ मुरझाना होगा रोज़ टूट जाना होगा।